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Source | Jansatta |
आम आदमी पार्टी का गठन 5 साल पहले हुआ थाl इसके केंद्र में थे- अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और कुमार विश्वास ! यी तीनों पार्टी के गठन के वक्त मजबूती के साथ खड़े थे लेकिन आज पांच साल बाद इनमें बड़ी फूट पड़ती दिखाई दे रही हैl
फूट का कारण विचारों में अंतर हैl एक तरफ इनमें से कुमार विश्वास कवी से नेता बने, वहीँ दूसरी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया हैं। दोनों गुटों के सूत्रों के अनुसार, दोनों गुटों में अब कड़वाहट इतनी बढ़ चुकी कि वापस पहले जैसे तरीके से साथ होने की आशा अब नहीं रह गई हैl
2014 में राहुल गाँधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ चुके विश्वास पिछले कुछ समय से पार्टी से नाराज़ चल रहे हैंl ये कड़वाहट किस हद तक आ चुकी है, इसका पता पिछले हफ्ते हुई पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में चला l विश्वास ने आरोप लगाया कि ऐसा पहली बार हुआ जब वे इस उच्च स्तरीय बैठक में वक्ताओं में शामिल नहीं थे। इसपर बाद में कुमार विश्वास ने आप नेताओं पर कटाक्ष भी किया और कहा- ‘‘मुझे लगता था कि केवल कांग्रेस और भाजपा ही मुझसे भयभीत हैं।’’
फूट?
कुमार विश्वास के करीबियों का ये मानना है कि ये फूट उन मंडलियों ने पड़वायी है केजरीवाल के करीब रहते हैंl विश्वास के करीबियों के मुताबिक़ इन मंडलियों के लोग कुमार विश्वास को पसंद नहीं करते और उनके खिलाफ रहते हैं। वहीँ विश्वास ये आरोप भी लगाते हैं कि पार्टी नेतृत्व ने उनकी अनदेखी की हैl विवाद की एक अन्य वजह ‘राज्य सभा सीट’ को लेकर संघर्ष भी बताई जा रही है।
दिल्ली विधानसभा में 67 सदस्यों वाली आप तीन सदस्यों को राज्यसभा में भेज सकती हैl अब केजरीवाल के करीबी कहे जाने वाले एक नेता ने उन्हें बोला कि ‘अगर विश्वास को राज्यसभा भेज दिया गया तो कहीं वे पार्टी पर ही हमले ना करने लगें !’ इसके अलावा ओखला से विधायक अमानतुल्ला खान के बाकी पार्टी नेताओं के साथ अच्छे संबंध भी विश्वास के लिए परेशानी का कारण हैं।
अब इन सब बातों के बाद कलह का असली कारण जो भी हो, पर इस बात में कोई दो राय नहीं कि इस सबसे पार्टी की छवि खराब हो रही है
(source: Jansatta)
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